देहरादून। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने आज सचिवालय में उत्तराखण्ड वेंचर फण्ड के संचालन से सम्बन्धित दिशा निर्देशों के सम्बन्ध में बैठक ली। इस दौरान उन्होंने उत्तराखण्ड वेंचर फण्ड के तहत चयनित किए जाने वाले ऐसे अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फण्ड ( एआईएफ ) को वरीयता देने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि उत्तराखण्ड स्टार्टअप पॉलिसी 2023 की थीम पर चलने वाले अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फण्ड को ही निवेश हेतु चयनित किया जाना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फण्ड को प्राथमिकता दी जाए जो राज्य के मुख्य फोकस सेक्टर तथा उभरती हुई तकनीक के निवेश में रूचि रखते हो। मुख्य सचिव ने 200 करोड़ रूपए के उत्तराखण्ड वेंचर फण्ड के तहत राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि, मत्स्य पालन, हॉर्टिकल्चर, डेयरी से सम्बन्धित स्टार्टअप को स्थापित करने में सहायता करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने सोशल वेंचर के तहत अधिकाधिक महिला स्वयं सहायता समूहों व महिलाओं को स्थानीय उत्पादों विशेषरूप से स्थानीय मिलेट्स के उत्पादन व प्रसंस्करण के माध्यम से स्टार्टअप स्थापित करने में सहायता के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने पिरूल के उपयोग पर आधारित स्टार्टअप को भी प्रोत्साहित करने और ग्राम्य विकास विभाग को भी इस कार्य से जोड़ने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने उत्तराखण्ड की आर्थिकी को फायदा पहुंचाने वाले स्टार्टअप को विकास निधि या वेंचर ऋण प्रदान करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि उत्तराखण्ड के युवाओं को अपने स्टार्टअप को पंजीकृत कराने हेतु प्रोत्साहित किया जाए। बैठक में बताया गया कि राज्य में अभी तक कुल 1092 स्टार्टअप, 13 राज्य मान्यता प्राप्त इन्क्यूबेटर्स व 200 से अधिक पंजीकृत मेन्टर्स हैं। देहरादून जिले में सर्वाधिक 549 स्टार्टअप व 7 इन्क्यूबेटर्स, हरिद्वार में 200 स्टार्टअप एव उधमसिंह नगर में 112 स्टार्टअप हैं।
इस दौरान बैठक में सचिव श्री विनय शंकर पाण्डेय, अपर सचिव श्री रोहित मीणा, श्री मनुज गोयल व उद्योग विभाग के सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।