राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा है कि प्रदेश के दूरस्थ जनपदों में सूचना का अधिकार अधिनियम की जागरूकता बढ़ाये जाने के विशेष प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि केवल मैदानी जनपद, देहरादून और हरिद्वार से ही 50 प्रतिशत से अधिक आरटीआई के आवेदन प्राप्त हो रहे हैं इसको देखते हुए शेष जिलों में भी, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में जनसामान्य को जागरूक करने की जरूरत है।
राज्यपाल ने कहा कि सूचना प्राप्त करने में महिलाओं की भागीदारी बेहद कम है महिलाओं को भी जागरूक किए जाने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने सूचना प्राप्त करने में महिलाओं की भागीदारी पर जोर देते हुए कहा कि अभी तक महिलाओं की भागीदारी केवल 6 प्रतिशत है। इसे देखते हुए उन्होंने महिलाओं को आरटीआई के प्रति और अधिक जागरूक करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को सूचना की शक्ति और इसके महत्व के बारे में बताया जाना बेहद जरूरी है। राज्यपाल ने आयोग द्वारा ऑनलाइन आरटीआई पोर्टल शुरू किए जाने को सराहा और कहा कि इससे जनसामान्य के समय और श्रम की बचत होगी वहीं इससे लोक प्राधिकारियों की कार्य प्रणाली को और जवाबदेह व पारदर्शिता बनाने में सहायता मिलेगी।
गुरुवार को राजभवन में मुख्य सूचना आयुक्त (प्रभारी) श्री विवेक शर्मा, सूचना आयुक्त विपिन शर्मा और सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने शिष्टाचार भेंट कर राज्य सूचना आयोग के क्रियाकलापों एवं गतिविधियों की जानकारी राज्यपाल को दी। उन्होंने सूचना का अधिकार अधिनियम की उत्तराखण्ड में प्रगति, निपटाई गई अपीलों एवं लंबित अपीलों आदि की जानकारी राज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत की। उन्होंने अवगत कराया कि सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोक सूचना अधिकारियों और प्रथम अपीलीय अधिकारियों को आयोग द्वारा सम्मानित किया जाएगा। बताया कि आयोग राज्य के कॉलेजों में कार्यशालाओं और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं के आयोजन के साथ ही विभिन्न विभागों हेतु कार्यशाला का आयोजन भी प्रस्तावित है।