राज्यपाल के समक्ष पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति ने राजभवन में ‘वन यूनिवर्सिटी-वन रिसर्च’ कार्यक्रम के अंतर्गत चल रहे शोध कार्य की प्रगति पर प्रस्तुतीकरण दिया

Uttarakhand News

देहरादून। राज्यपाल Lt Gen Gurmit Singh के समक्ष पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. मयंक कुमार अग्रवाल ने राजभवन में ‘वन यूनिवर्सिटी-वन रिसर्च’ कार्यक्रम के अंतर्गत चल रहे शोध कार्य की प्रगति पर प्रस्तुतीकरण दिया। पतंजलि विश्वविद्यालय द्वारा ‘‘आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से उत्तराखण्ड में निवारक स्वास्थ्य रणनीति’’ विषय पर शोध किया जा रहा है। प्रस्तुतीकरण के दौरान प्रो. मयंक अग्रवाल ने बताया कि आयुर्वेद, योग और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियाँ उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न अंग रही हैं। विश्वविद्यालय का यह प्रयास है कि इन पद्धतियों को वैज्ञानिक आधार प्रदान कर जन स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाना है। उन्होंने बताया कि शोध में यह पाया गया कि किस प्रकार योग और आयुर्वेद, तनाव, अवसाद, शारीरिक दर्द और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में लाभकारी सिद्ध हो रहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा भारत की अमूल्य धरोहर हैं। इन्हें न केवल संरक्षित करने की आवश्यकता है, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से स्थापित कर वर्तमान जीवनशैली में अपनाया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर उत्तराखण्ड जैसे राज्य इस दिशा में कदम बढ़ाएं, तो यह ना सिर्फ लोगों के अच्छे स्वास्थ्य में मदद करेगा, बल्कि प्रदेश को आयुष आधारित जीवनशैली का एक अंतर्राष्ट्रीय केंद्र भी बना सकता है। राज्यपाल ने कहा कि आज जब संपूर्ण विश्व आधुनिक चिकित्सा के साथ-साथ पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों की ओर भी उन्मुख हो रहा है। ऐसे समय में भारत, और खासतौर पर उत्तराखण्ड जैसे राज्य, जिनकी संस्कृति और प्रकृति स्वस्थ जीवनशैली से जुड़ी हुई है, पूरी दुनिया को एक नई दिशा दे सकते हैं। राज्यपाल ने कहा कि इस शोध के अंतिम निष्कर्षों को उत्तराखण्ड सरकार और भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के साथ साझा किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *