राज्यपाल ने आज देहरादून में आयोजित दो दिवसीय ‘दैनिक जागरण संवादी’ कार्यक्रम के समापन सत्र को संबोधित किया

Uttarakhand News

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने आज देहरादून में आयोजित दो दिवसीय ‘दैनिक जागरण संवादी’ कार्यक्रम के समापन सत्र को संबोधित किया। उन्होंने इस आयोजन को विचारों के मंथन का मंच बताते हुए कहा कि यह मंच केवल संवाद नहीं, बल्कि समाधान की दिशा में एक रचनात्मक पहल है।

राज्यपाल ने कहा कि भारत की परंपरा संवाद की रही है, और वर्तमान समय में संवाद का महत्व और भी अधिक बढ़ गया है, क्योंकि आज अनेक सामाजिक तनाव और द्वन्द संवादहीनता के कारण उत्पन्न हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि “विवाद को समाप्त करने का सबसे सटीक माध्यम संवाद है।”

राज्यपाल ने युवाओं को भारत के “अमृतकाल” का निर्माता बताते हुए कहा कि AI, क्वांटम, रोबोटिक्स, स्पेस और सेमीकंडक्टर्स जैसे आधुनिक तकनीकी उपकरणों के साथ-साथ युवाओं को नेतृत्व, उत्तरदायित्व और दृष्टिकोण को अपनाना होगा।

उन्होंने हिन्दी भाषा और संस्कृति के संरक्षण पर बल देते हुए कहा कि हिन्दी केवल अभिव्यक्ति नहीं, यह भावना और आत्मा की भाषा है। दैनिक जागरण द्वारा हिन्दी के प्रति किए जा रहे प्रयासों की उन्होंने विशेष सराहना की।

राज्यपाल ने उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक और पर्यावरणीय विरासत की रक्षा पर भी बल देते हुए कहा कि “जल, जंगल और जमीन की रक्षा किए बिना उत्तराखण्ड का भविष्य सुरक्षित नहीं हो सकता।” उन्होंने स्थानीय रचनाकारों और युवाओं से अपील की कि वे राज्य की सांस्कृतिक धरोहर के संवर्धन में सक्रिय भागीदारी निभाएं।

राज्यपाल ने दैनिक जागरण को इस आयोजन के सफल आयोजन के लिए बधाई दी और सभी नागरिकों से आह्वान किया कि वे संवाद को सृजन और समाधान की दिशा में परिवर्तित करने का संकल्प लें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *