प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से महाराष्ट्र में 11,200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और लोकार्पण किया।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने दो दिन पहले खराब मौसम के कारण पुणे में अपने कार्यक्रम के रद्द हो जाने की याद दिलाई और आज के वर्चुअल कार्यक्रम के लिए प्रौद्योगिकी को श्रेय देते हुए कहा कि महान व्यक्तित्वों की प्रेरणा की यह भूमि, महाराष्ट्र के विकास का एक नया अध्याय देख रही है। श्री मोदी ने जिला न्यायालय से स्वारगेट तक पुणे मेट्रो खंड के उद्घाटन और पुणे मेट्रो चरण-1 के स्वारगेट-कात्रज विस्तार की आधारशिला रखने का उल्लेख किया। उन्होंने भिड़ेवाड़ा में क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले के पहले बालिका विद्यालय के स्मारक की आधारशिला रखने का भी जिक्र किया और पुणे में जीवन यापन को आसान बनाने की दिशा में तेजी से हो रही प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री ने सोलापुर से सीधा हवाई संपर्क सुविधा स्थापित करने के लिए सोलापुर हवाई अड्डे के उद्घाटन का जिक्र करते हुए कहा, “भगवान विट्ठल के भक्तों को भी आज एक विशेष उपहार मिला है।” उन्होंने बताया कि मौजूदा हवाई अड्डे को उन्नत करने का काम पूरा होने के बाद टर्मिनल की क्षमता में वृद्धि हुई है और यात्रियों के लिए नई सेवाएं और सुविधाएं तैयार की गई हैं, जिससे भगवान विट्ठल के भक्तों के लिए सुविधा बढ़ी है। उन्होंने आगे कहा कि हवाई अड्डे से व्यापार, उद्योग और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने आज की विकास परियोजनाओं के लिए महाराष्ट्र के लोगों को बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज महाराष्ट्र को नए संकल्पों के साथ बड़े लक्ष्यों की जरूरत है।” उन्होंने पुणे जैसे शहरों को प्रगति और शहरी विकास का केंद्र बनाने की जरूरत पर जोर दिया। पुणे की प्रगति और बढ़ती आबादी के दबाव के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास और क्षमता बढ़ाने के लिए अभी से कदम उठाए जाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए मौजूदा राज्य सरकार पुणे के सार्वजनिक परिवहन को आधुनिक बनाने और शहर के विस्तार के साथ परिवहन-संपर्क को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण के साथ काम कर रही है।
प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि पुणे मेट्रो के बारे में 2008 में चर्चा शुरू हुई थी, लेकिन इसकी आधारशिला 2016 में रखी गई थी, जब उनकी सरकार ने तेजी से निर्णय लिए थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप, आज पुणे मेट्रो गति प्राप्त रही है और अपना विस्तार कर रही है। आज की परियोजनाओं का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने कहा कि एक तरफ़ पुणे मेट्रो के जिला न्यायालय से स्वारगेट खंड का उद्घाटन हुआ है, वहीं दूसरी तरफ़ स्वारगेट से कात्रज लाइन की आधारशिला भी रखी गई है। उन्होंने इस साल मार्च में रूबी हॉल क्लिनिक से रामवाड़ी तक मेट्रो सेवा के उद्घाटन को याद किया। प्रधानमंत्री ने 2016 से अब तक पुणे मेट्रो के विस्तार के लिए किए गए काम की सराहना की, क्योंकि इसके लिए तेज़ी से निर्णय लिए गए और बाधाओं को दूर किया गया। उन्होंने बताया कि मौजूदा सरकार ने पुणे में मेट्रो का आधुनिक नेटवर्क तैयार किया है, जबकि पिछली सरकार 8 साल में एक भी मेट्रो पिलर तक नहीं बना पाई थी।
श्री मोदी ने महाराष्ट्र की प्रगति सुनिश्चित करने में विकास-संचालित शासन के महत्व को रेखांकित किया और इस बात पर जोर दिया कि इस निरंतरता में कोई भी व्यवधान राज्य के लिए महत्वपूर्ण नुकसान का कारण बन सकता है। उन्होंने मेट्रो पहल से लेकर मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन और किसानों के लिए महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजनाओं तक विभिन्न रुकी हुई परियोजनाओं पर प्रकाश डाला, जिनमें डबल इंजन सरकार के आने से पहले ही देरी हो गई थी।
प्रधानमंत्री ने बिडकिन औद्योगिक क्षेत्र के बारे में बात की, जो तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के कार्यकाल के दौरान परिकल्पित ऑरिक सिटी का एक महत्वपूर्ण घटक है। दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे पर स्थित इस परियोजना को बाधाओं का सामना करना पड़ा था, लेकिन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली डबल इंजन सरकार में इसे पुनर्जीवित किया गया। श्री मोदी ने बिडकिन औद्योगिक नोड को राष्ट्र को समर्पित करने की घोषणा की और इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश और रोजगार के अवसर लाने की इसकी क्षमता पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने कहा, “8,000 एकड़ में फैले बिडकिन औद्योगिक क्षेत्र के विकास से महाराष्ट्र में हजारों करोड़ का निवेश आएगा, जिससे हजारों युवाओं के लिए रोजगार पैदा होंगे।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि निवेश के जरिए रोजगार सृजन का मंत्र आज महाराष्ट्र के युवाओं की बड़ी ताकत बन रहा है। श्री मोदी ने दोहराया कि आधुनिकीकरण देश के मूलभूत मूल्यों पर आधारित होना चाहिए और इस बात पर जोर दिया कि भारत अपनी समृद्ध विरासत के साथ आगे बढ़ते हुए आधुनिकीकरण करेगा और विकसित होगा। उन्होंने कहा कि भविष्य के लिए तैयार अवसंरचना और हर वर्ग तक पहुंचने वाले विकास के लाभ महाराष्ट्र के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह तभी हकीकत बन सकता है, जब समाज का हर वर्ग देश के विकास में भाग ले।
प्रधानमंत्री ने सामाजिक परिवर्तन में महिला नेतृत्व की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण की महाराष्ट्र की विरासत, विशेष रूप से सावित्रीबाई फुले के प्रयासों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने बालिकाओं के लिए पहला विद्यालय खोलकर महिला शिक्षा के अभियान की शुरुआत की थी। प्रधानमंत्री ने सावित्रीबाई फुले स्मारक की आधारशिला रखी, जिसमें एक कौशल विकास केंद्र, एक पुस्तकालय और अन्य आवश्यक सुविधाएं होंगी। श्री मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि यह स्मारक सामाजिक सुधार आंदोलन के लिए एक स्थायी सम्मान के रूप में काम करेगा और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।
प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता-पूर्व भारत में महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों, खासकर शिक्षा तक पहुँच बनाने में, पर प्रकाश डाला और महिलाओं के लिए शिक्षा के द्वार खोलने के लिए सावित्रीबाई फुले जैसी दूरदर्शी महिलाओं की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बावजूद, देश ने अतीत की मानसिकता को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए संघर्ष किया और पिछली सरकारों की ओर इशारा किया, जिन्होंने कई क्षेत्रों में महिलाओं की पहुँच को प्रतिबंधित किया। उन्होंने कहा कि स्कूलों में शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी से लड़कियों के स्कूल छोड़ने की दर बहुत अधिक रहती है। श्री मोदी ने कहा कि वर्तमान सरकार ने सैनिक स्कूलों में महिलाओं के प्रवेश और सशस्त्र बलों में भूमिकाओं सहित पुरानी प्रणालियों को बदल दिया है और गर्भवती महिलाओं को अपना काम छोड़ने के मुद्दे को भी समाधान किया है। प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत अभियान के महत्वपूर्ण प्रभाव को रेखांकित किया और कहा कि इसके सबसे बड़े लाभार्थी बेटियाँ और महिलाएँ हैं, जिन्हें खुले में शौच की कठिनाई से मुक्ति मिली है। उन्होंने यह भी कहा कि स्कूल की स्वच्छता में सुधार से लड़कियों के स्कूल छोड़ने की दर में कमी आई है। श्री मोदी ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए सख्त कानूनों और नारी शक्ति वंदन अधिनियम का जिक्र किया, जो भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में महिलाओं का नेतृत्व सुनिश्चित करता है। श्री मोदी ने कहा, ‘‘जब हर क्षेत्र के दरवाजे हमारी बेटियों के लिए खुलेंगे, तभी देश के लिए प्रगति के वास्तविक द्वार खुलेंगे।’’ उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सावित्रीबाई फुले स्मारक इन संकल्पों तथा महिला सशक्तिकरण के अभियान को और ऊर्जा देगा।
संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को विकास में महाराष्ट्र की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में अपने विश्वास की पुष्टि की और कहा, “हम सब मिलकर ‘विकसित महाराष्ट्र, विकसित भारत’ के इस लक्ष्य को प्राप्त करेंगे।”
इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री सी.पी. राधाकृष्णन, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस और श्री अजीत पवार तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति वर्चुअल रूप से उपस्थित थे।