विज्ञान और प्रौद्योगिकी वर्तमान समय की जरूरत है और इसे स्वीकार किए बिना हमारी प्रगति और विकास संभव नहीं है- राज्यपाल

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देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने आज वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित पांचवे देहरादून अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महोत्सव-2024 का उद्घाटन किया। 4 दिवसीय इस महोत्सव में 30 से अधिक तकनीकी और वैज्ञानिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय के परिसर में विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों एवं वैज्ञानिक तथा प्रौद्योगिकी आधारित संस्थाओं ने नवाचार पर आधारित प्रोजेक्ट्स का प्रदर्शन किया। राज्यपाल ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और छात्रों के प्रोजेक्ट्स की सराहना करते हुए उनका उत्साहवर्धन किया।

महोत्सव के शुभारंभ के अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी वर्तमान समय की जरूरत है और इसे स्वीकार किए बिना हमारी प्रगति और विकास संभव नहीं है। हमें प्रत्येक क्षेत्र में विकास करना है तो विज्ञान और तकनीकी को स्वीकार करना और इसके साथ चलना जरूरी है। आज के दौर में यह हर समाज, देश की मूलभूत आवश्यकता बन चुकी है। उन्होंने कहा कि समय के साथ जो तकनीकी परिवर्तन हो रहा है उसी अनुसार अपने आपको डालना जरूरी है।

राज्यपाल ने कहा कि स्कूली जीवन से ही छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित किया जाना चाहिए। इस दिशा में देहरादून अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महोत्सव एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि विकसित देशों के साथ प्रतिस्पर्धा में आगे हैं तो उसका आधार विज्ञान और प्रौद्योगिकी ही है। उन्होंने कहा कि हमें नवाचार और शोध के साथ ही स्किल आधारित शिक्षा पर विशेष जोर देना होगा। इसके लिए जरूरी है कि हमारे छात्र स्कूली जीवन से ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समृद्ध हों।

राज्यपाल ने उपस्थित छात्रों से कहा कि आप सभी अपने अंदर वैज्ञानिक चेतना व नवाचारी सोच को विकसित करें और आप सभी विज्ञान और तकनीकी के ब्रांड एंबेसडर बनें। उन्होंने कहा कि यहां से पूरे भारत में विज्ञान और तकनीकी की ज्योति जले। उन्होंने कहा कि आप सभी युवा देश और राज्य की असली ताकत हैं जिनके बलबूते भारत विकसित राष्ट्र और विश्व गुरु के लक्ष्य को प्राप्त करेगा। राज्यपाल ने आयोजकों से महोत्सव के माध्यम से अधिक से अधिक छात्रों को लाभान्वित करने का अनुरोध किया और कहा कि इस मंच को ऐसा रूप दे कि यह शोध, विकास और नवाचार का एक केंद्र के रूप में स्थापित हों।

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