आयुर्वेद के वैज्ञानिक आधार को मजबूत करने और इसे वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए इस प्रकार के शोध अत्यंत आवश्यक हैं- राज्यपाल

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देहरादून। राज्यपाल Lt Gen Gurmit Singh के समक्ष आज राजभवन में उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अरुण कुमार त्रिपाठी ने ‘वन यूनिवर्सिटी – वन रिसर्च’ पर चल रहे शोध की प्रगति के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया। आयुर्वेद विश्वविद्यालय द्वारा ‘‘क्षार सूत्र प्रबंध से भगंदर का इलाज’’ विषय पर शोध प्रबंध किया जा रहा है। राज्यपाल द्वारा पूर्व में इस योजना के अंतर्गत राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को उनकी विशेषज्ञता के आधार पर राज्य हित में शोध करने के निर्देश दिए गए थे।

राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा किए गए शोध कार्य की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रयास आयुर्वेद के प्रति लोगों के विश्वास को और अधिक सुदृढ़ करेगा। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद के वैज्ञानिक आधार को मजबूत करने और इसे वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए इस प्रकार के शोध अत्यंत आवश्यक हैं। राज्यपाल ने कहा कि आने वाले समय में इस शोध के अंतिम निष्कर्षों को उत्तराखण्ड सरकार और भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के साथ साझा किया जाएगा, ताकि इसे व्यापक रूप से अपनाया जा सके। राज्यपाल ने कहा कि यह पहल न केवल आयुर्वेद को नई पहचान दिलाएगी, बल्कि रोगियों को प्रभावी, सुरक्षित और स्थायी उपचार प्रदान करने में भी सहायक होगी। उन्होंने शोध टीम की मेहनत और समर्पण के लिए उन्हें शुभकामनाएं दी।

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