उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) देहरादून द्वारा आज दिनांक 3 अगस्त 2024 को हिमालय दिवस के अंतर्गत राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मालदेवता के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय “पानी को जानो (Know the Water) कार्यक्रम प्रारंभ किया गया।
यूसर्क की निदेशक प्रो (डॉ) अनीता रावत ने कार्यक्रम के आयोजन पर हिमालय दिवस की शुभकामनाएं देते हुए हिमालय के संरक्षण हेतु कार्य करने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि हिमालय हम सब के जीवन का रक्षक होने के साथ साथ प्रेरणा का स्रोत भी है। इसकी जैव विविधता व अन्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण हेतु कार्य करना होगा।
प्रोफेसर रावत ने कहा कि हिमालय के संरक्षण संबंधी कार्यों में विद्यार्थियों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी । हमको पर्यावरण संबंधी अपने परंपरागत ज्ञान के साथ साथ आधुनिक टेक्नोलॉजी के प्रयोग के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है । उन्होंने बताया कि हिमालय से ही जल संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति होती है इसलिए हिमालयी क्षेत्र के जल स्रोतों का संरक्षण बहुत आवश्यक है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मालदेवता, देहरादून के प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ) विनोद प्रकाश अग्रवाल ने इस अवसर पर कहा कि आज हम सभी को मिलकर हिमालय के संरक्षण की दिशा में कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा प्रकृति के संरक्षण से हम अपने आसपास और हिमालयी क्षेत्र को सुन्दर बना सकते हैं जिससे मानव जीवन सुरक्षित हो सकेगा।
कार्यक्रम में उपस्थित यूसर्क के वैज्ञानिक एवं कार्यक्रम समन्वयक डॉ भवतोष शर्मा ने कार्यक्रम के आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला तथा बताया कि यूसर्क द्वारा हिमालय दिवस सप्ताह के रूप में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन राज्य के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में प्रारंभ किया गया है।
तकनीकी सत्र का पहला व्याख्यान डॉ भवतोष शर्मा ने “वाटर रिसोर्सेज : मैनेजमेंट, कंजर्वेशन एंड गवर्नेंस विद स्पेशल रेफरेंस टू हिमालयन रीजन” विषय पर देते हुए हिमालयी जलस्रोतों की वर्तमान स्थिति, उनके परंपरागत एवं वैज्ञानिक प्रबंधन, वर्षा जल संरक्षण, भूजल रिचार्ज की विधियाँ, आधुनिक टेक्नोलॉजी द्वारा जलस्रोतों का प्रबंधन तथा रिमोट सेंसिग तकनीक के अनुप्रयोग, आईसोटोप तकनीकी, जल गवर्नेंस आदि विषयों पर विस्तार से बताया।
दूसरा व्याख्यान वैज्ञानिक डॉ राजेंद्र सिंह राणा ने “वाटर क्वालिटी एंड हेल्थ इम्पैक्ट” विषय पर देते हुए जल विभिन्न मानकों के स्वास्थ्य पर प्रभाव के विषय में विस्तार से बताया। उन्होंने माइक्रो प्लास्टिक को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया तथा शुद्ध जल को प्रयोग करने पर बताया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए महाविद्यालय के प्रोफेसर एवं समन्वयक (डॉ) एम एस पवार ने सभी प्रतिभागियों को हिमालय प्रतिज्ञा दिलाई ।
डॉ कविता काला ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
कार्यक्रम में राजकीय इंटर कॉलेज मालदेवता के 40 छात्र छात्राओं, राजकीय महाविद्यालय मालदेवता के छात्र छात्राओं, शिक्षकों सहित कुल 100 से अधिक लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से यूसर्क से उमेश जोशी, राजकीय इंटर कॉलेज मालदेवता के शिक्षक श्री संजीव कुमार सैनी, अनीता भंडारी, सेवानिवृत्त शिक्षा अधिकारी श्री चेतन प्रसाद नौटियाल महाविद्यालय के डॉ सुमन सिंह गुसाई, डॉ बाइ सी नैनवाल, डॉ प्रत्युशा ठाकुर आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे