देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने आज राजभवन में एनसीसी के ‘माउंट अबी गमिन’ पर्वतारोहण अभियान का समापन (फ्लैग इन) किया। यह पर्वतारोहण अभियान 3 सितंबर से 28 सितंबर 2024 तक आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य वर्ष 2025 में प्रस्तावित इंटरनेशनल माउंट एवरेस्ट पर्वतारोहण अभियान के लिए कैडेट्स का चयन करना और प्रशिक्षण था। इस पर्वतारोहण अभियान में देशभर के कुल 34 एनसीसी कैडेट्स का चयन किया गया। इन 34 एनसीसी कैडेट्स में से 12 कैडेट्स उत्तराखण्ड के थे जो इस अभियान में प्रतिभाग कर चमोली स्थित अबी गमिन चोटी तक पहुंचे थे।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि पर्वतारोहण अभियान के दौरान कैडेट्स ने कठिन चुनौतियों को पार करते हुए स्वयं को साबित किया है वह प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि पर्वतारोहण केवल शारीरिक शक्ति का ही नहीं, बल्कि मानसिक धैर्य और साहस का भी परीक्षण है। कैडेट्स ने अपने संकल्प और दृढ इच्छाशक्ति से एक चोटी को फतह किया है और इसके बाद विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने जा रहे हैं। उन्होंने कहा माउंट एवरेस्ट, जो कि दुनिया की सबसे ऊँची और चुनौतीपूर्ण पर्वत चोटी है, उस पर चढ़ाई करना एक साहसिक कार्य है, निःसन्देह आप सभी में यह योग्यता और क्षमता भरपूर है। उन्होंने इस अभियान के लिए अपनी शुभकामनाएं दी।
राज्यपाल ने कहा कि एनसीसी नेशन फर्स्ट के भाव से प्रेरित एक ऐसा उत्कृष्ट संगठन है जो न सिर्फ अनुशासन प्रदान करता है बल्कि इसकी राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका है। एनसीसी सिर्फ परेड और यूनिफॉर्म तक सीमित नहीं है बल्कि इसके जरिए हम विशाल भारत को अपने भीतर संजोए हुए हैं। एनसीसी के जरिए ही हम देश के लिए एक जज्बा अपने अंदर समाहित करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत के युवाओं को अनुशासन, नेतृत्व और देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत करने में राष्ट्रीय कैडेट कोर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।