देवभूमि उत्तराखण्ड सिख धर्म के पवित्र तीर्थ स्थलों से सुसज्जित है, और रीठा साहिब उनमें प्रमुख स्थान रखता है- राज्यपाल

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चंपावत। राज्यपाल Lt Gen Gurmit Singh आज अपने एक दिवसीय दौरे पर जनपद चंपावत पहुंचे। उन्होंने सिखों के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के पावन अवसर पर जनपद के प्रसिद्ध सिख तीर्थ स्थल गुरुद्वारा श्री रीठा साहिब में पहुंचकर दरबार साहिब में मत्था टेका और देश तथा प्रदेशवासियों की सुख-शांति, समृद्धि एवं खुशहाली की प्रार्थना की।

राज्यपाल ने गुरुद्वारा श्री रीठा साहिब में गुरु दरबार में मत्था टेकने के पश्चात अरदास की। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी की जयंती के पावन अवसर पर रीठा साहिब की पवित्र धरती पर पहुंचना उनके लिए सौभाग्य और प्रेरणादायक क्षण है। उन्होंने कहा कि “गुरु नानक देव जी के चरणों की यह भूमि दिव्यता और आत्मिक शांति से परिपूर्ण है, यहाँ आकर मन को अलौकिक शांति की अनुभूति होती है।” राज्यपाल ने कहा कि यह तीर्थस्थल न केवल सिख धर्म के अनुयायियों के लिए, बल्कि समूची मानवता के लिए एक आध्यात्मिक प्रेरणा केंद्र है। राज्यपाल ने कहा कि गुरु नानक देव जी ने अपने उपदेशों के माध्यम से मानवता, समानता और सेवा का जो संदेश दिया, वह आज भी समाज को प्रकाशमान कर रहा है। उन्होंने कहा कि “नाम जपो, किरत करो और वंड छको” का उनका सिद्धांत मानव जीवन का आधार है, जो सत्य, ईमानदारी, परिश्रम और परस्पर सहयोग का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड सिख धर्म के पवित्र तीर्थ स्थलों से सुसज्जित है, और रीठा साहिब उनमें प्रमुख स्थान रखता है। गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं न केवल सिख समाज के लिए बल्कि सम्पूर्ण मानवता के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उनके जीवन से हमें प्रेम, सहिष्णुता, समरसता और भाईचारे की प्रेरणा मिलती है।

दर्शन और अरदास के उपरांत राज्यपाल ने गुरुद्वारे परिसर में आयोजित लंगर में सम्मिलित होकर लंगर प्रसाद ग्रहण किया। उन्होंने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि सभी लोग गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं से प्रेरणा लेकर समाज के निर्माण में अपना योगदान दें। इस अवसर पर राज्यपाल ने उपस्थित संगत से संवाद किया और प्रदेश में सामाजिक सौहार्द, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की।

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