देहरादून। श्रीमान पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड, श्री दीपम सेठ (भा0पु0से0) के दिशा निर्देशन व पुलिस महानिरीक्षक साईबर / एसटीएफ उत्तराखण्ड श्री निलेश आनन्द भरणे (भा0पु0से0) के निकट पर्य़वेक्षण में साईबर धोखाधड़ी करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करते हुये साईबर पीड़ितो को न्याय दिलाया जा रहा है ।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0 श्री नवनीत सिंह (भा0पु0से0)* द्वारा जानकारी देते हुये बताया कि एक जनपद हरिद्वार निवासी पीड़ित द्वारा माह सितम्बर 2025 में अभियोग दर्ज कराया जिसमें उनके द्वारा बताया गया कि सितम्बर 2025 में अज्ञात साइबर अपराधियों द्वारा शिकायतकर्ता से सम्पर्क कर स्वंय को ‘CME Group’ कम्पनी से बताकर व्हाट्सएप पर गूगल रिव्यू के बदले सैलरी का झांसा देकर उन्हें एक टेलीग्राम लिंक के माध्यम से ‘CME Group’ कंपनी ग्रुप से जोड़ा गया, जहाँ उन्हें विभिन्न कार्यों के लिए प्रीपेड राशि जमा करने को कहा गया, शिकायतकर्ता ने कई बैंक खातों और यूपीआई आईडी में कुल 70,31,436 रुपये जमा किए। बाद में, उन्हें फंड निकालने के लिए क्रेडिट स्कोर बढ़ाने और टैक्स चुकाने के बहाने और पैसे मांगे गए, लेकिन फंड निकालने से मना कर दिया गया। शिकायतकर्ता को एहसास हुआ कि उनके साथ धोखाधड़ी की गयी है।
प्रकरण की गंम्भीरता के दृष्टिगत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड के दिशा निर्देशन तथा सहायक पुलिस अधीक्षक श्री कुश मिश्रा (भा0पु0से0) के निकट पर्यवेक्षण में निरीक्षक/विवेचक श्री आशीष गुसांई, साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन, गढ़वाल परिक्षेत्र, देहरादून के सुपुर्द कर अभियोग के शीघ्र अनावरण हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये । साईबर क्राईम पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त बैंक खातों/ रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बरों / व्हाट्सअप की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनियों, मेटा कम्पनी से पत्राचाकर कर डेटा प्राप्त किया गया। प्राप्त डेटा के विश्लेषण से जानकारी मे आया कि साईबर अपराधियो द्वारा घटना में पीड़ित से विभिन्न बैंक खातों में धनराशि स्थानान्तरित करवायी गयी । तत्पश्चात प्राप्त डेटा के विश्लेषण से पुलिस टीम द्वारा अभियोग में प्रकाश में आए बैंक खातों तथा मोबाइल नम्बरों का सत्यापन किया गया । विवेचना में प्रकाश में आया कि जनास्मॉल फाईनैन्स बैंक का खाते में दिनांक 17/09/2025 को मुकदमा वादी से धोखाधड़ी कर कुल 23,01,374 रुपये डलवाये गये है व जिसका खाताधारक निक्की जैन पुत्र विनोद कुमार जैन निवासी 1275 उनियारों का रास्ता चांदपौल बाजार जयपुर राजस्थान के नाम पर होना पाया गया तथा उक्त खाते से सम्बन्धित एसएमएस एलर्ट नम्बर का लोकेशन जयपुर में ही होना पाया गया तथा उक्त खाते से लिंक जीमेल आईडी से सम्बन्धित लिंक मो0नं0 भी जयपुर राजस्थान में चलना पाया गया तथा बैंक से प्राप्त स्टेटमैन्ट का अवलोकन करने पर वादी मुकदमा से उक्त जनास्मॉल फाईनेन्स बैंक खाते में धोखाधड़ी से डलवायी गयी धनराशि रुपये 23,01,374/- उक्त खाता धारक निक्की जैन उपरोक्त द्वारा स्वंय रुपये 22,90,000/- निकालना दर्शाया गया । जिसके आधार पर उक्त खाता धारक की अपराध में पूर्ण संलिप्तता पाये जाने पर उक्त की तलाश में सत्यापन व विवेचनात्मक कार्यवाही हेतु एसएमएस एलर्ट नम्बर की लोकेशन के आधार पर साइबर क्राइम देहरादून पुलिस टीम थाना झोटवाडा जयपुर राजस्थान पहुंचे व स्थानीय पुलिस की मदद से संजय नगर थाना झोटवाड़ा जयपुर राजस्थान पर दबिश दी गयी तो नहीं मिला। उक्त निक्की जैन के सम्बन्ध में स्थानीय लोगों से पूछताछ करने पर पता लगा कि संदिग्ध निक्की जैन उपरोक्त को पुलिस टीम के आने की भनक लगने पर मौबाईल बन्द कर फरार हो गया । जिसके उपरान्त पुनः मुखबिर मामूर किये गये तथा जीमेल से लिंक मोबाईल नम्बर की लोकेशन के आधार पर सागानेर थाना मुहाना क्षेत्र में होना पाये जाने पर पुलिस टीम थाना मुहाना जयपुर राजस्थान पंहुचे और स्थानीय पुलिस की मदद से संदिग्ध निक्की जैन को दिनांक 09/12/2025 को जयपुर राजस्थान से गिरफ्तार किया गया।
नाम पता गिरफ्तार अभियुक्त
- निक्की जैन पुत्र विनोद कुमार जैन हाल निवासी श्रीजीनगर सागानेर थाना मुहाना मण्डी, जिला जयपुर राजस्थान उम्र- 35 वर्ष
बरामदगी गिरफ्तार अभियुक्त
- मोबाइल फोन Realme मय सिम कार्ड
- मोबाइल फोन OPPO मय सिम कार्ड
पुलिस टीम
- निरीक्षक आशीष गुसांई
- उप निरीक्षक हिम्मत सिंह
- अपर उप निरीक्षक गोपाल सिंह
- आरक्षी सोहन बडोनी
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड श्री नवनीत सिंह ने जनता से अपील की है कि अन्जान नम्बरों से आने वाली वीडियो कॉल से बात न करें, न ही कोई सूचना / दस्तावेज दें । यदि कोई आपको पुलिस, सीबीआई, ईडी आदि का अधिकारी बताकर डिजिटल अरेस्ट करने को डराये धमकाये तो घबरायें नहीं, कोई भी एजेन्सी ऑनलाईन गिरफ्तार नहीं करती है । किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरों / फर्जी साईट / धनराशि दोगुना करने के प्रलोभनों में न आयें । साथ ही फर्जी निवेश ऑफर जैसे YouTube like सब्सक्राइब, टेलीग्राम आधारित निवेश वेबसाइट ऑफर में निवेश न करें । गूगल से कोई भी कस्टमर केयर नम्बर को सर्च न करें । तेजी से बढ़ रहे इन्वेस्टमेंट स्कैम्स ने लाखों लोगों को अपना शिकार बनाया है। स्कैमर्स वेबसाइट्स और नकली रिव्यू प्रोग्राम्स के माध्यम से लोगों को पहले छोटे-छोटे इनाम देकर भरोसा जीतते हैं तथा फिर धीरे-धीरे उन्हें भारी रकम निवेश करने पर मजबूर कर देते हैं। कम समय में अधिक लाभ के चक्कर में इन्वेस्ट ना करें व शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर या cybecrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
