देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने आज राजभवन में पावन चिंतन धारा आश्रम द्वारा संचालित ’’प्रोजेक्ट यूपीएससी’’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर पावन चिंतन धारा आश्रम के अध्यक्ष प्रो. पवन सिन्हा ‘‘गुरूजी’’ सहित इस प्रोजेक्ट से जुड़े लोग और विभिन्न कॉलेजों के विद्यार्थी मौजूद रहे।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड के युवाओं में विशेषकर बालिकाओं में असीमित प्रतिभाएं हैं वे संसाधनों के अभाव में अपना सपना पूरा करने से न रह जाय, उनके लिए यह प्रोजेक्ट बहुत ही मददगार साबित होगा। यह अच्छी बात है कि इस प्रोजेक्ट में बालिकाओं को विशेष रूप से प्राथमिकता दी जाएगी जिससे वे सिविल सेवाओं की तैयारी कर इस क्षेत्र में भी अपना परचम लहरा सकेंगी। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि अनुशासन, आत्मविश्वास और दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है।
राज्यपाल ने कहा कि हमारे प्रदेश में ऐसे बहुत से बच्चे हैं जिनमें बहुत प्रतिभा हैं लेकिन उनके सपनों को आकार देने के लिए मार्गदर्शन की बहुत बड़ी आवश्यकता भी है। यह बहुत ही खुशी की बात है कि सिविल सेवा के अहम क्षेत्र में उत्तराखंड के युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए इस संस्था ने पहल की है, जिसके लिए उन्होंने संस्था का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप सभी युवा भारत का भविष्य हैं। आप ही अमृत काल की अमृत पीढ़ी हैं जिसके बल पर भारत को विश्व गुरु और विकसित राष्ट्र का लक्ष्य प्राप्त होगा।
प्रो. पवन सिन्हा ने बताया कि इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य प्रदेश के ऐसे बच्चों को सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी में सहयोग देना है, जो आर्थिक या पारिवारिक परिस्थितियों के कारण इस दिशा में आगे बढ़ने में सक्षम नहीं हो पाते। उन्होंने बताया कि बच्चों को निःशुल्क ऑनलाइन और ऑफलाइन कोचिंग प्रदान की जाएगी। इसके अंतर्गत विशेषज्ञ और अनुभवी शिक्षकों और पूर्व सिविल सेवकों द्वारा विद्यार्थियों को न केवल परीक्षा की तैयारी कराई जाएगी, बल्कि समय प्रबंधन, जीवन शैली सुधार, और व्यक्तित्व विकास पर भी ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा विद्यार्थियों के मार्गदर्शन और उनकी शंकाओं के समाधान के लिए परामर्श सत्रों का भी आयोजन किया जाएगा।
प्रोजेक्ट यूपीएससी के लिए इच्छुक छात्र-छात्राएं संस्था की मेल आईडी upsc@ashrampcd.com और मोबाइल नम्बर 8882918694 पर रजिस्ट्रेशन के लिए संपर्क कर सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के पश्चात प्रवेश परीक्षा और साक्षात्कार आयोजित होगा, जिसके आधार पर अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास है कि सिविल सेवाओं में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को भी मौका मिले और गरीबी उनके करियर में बाधा न बने। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत 450 से अधिक बच्चे निःशुल्क कोचिंग ले रहे हैं।