केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा विकसित BHARATPOL पोर्टल का शुभारंभ किया। केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने पुरस्कार विजेता 35 सीबीआई अधिकारियों को पुलिस पदक भी प्रदान किए, जिन्हें विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और जांच में उत्कृष्टता के लिए केन्द्रीय गृह मंत्री पदक से सम्मानित किया गया है। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह सचिव, निदेशक, CBI और सचिव, DoPT सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आज BHARATPOL की शुरूआत के साथ अंतर्राष्ट्रीय इन्वेस्टिगेशन में भारत एक नए युग में प्रवेश कर रहा है। उन्होंने कहा कि BHARATPOL के माध्यम से भारत की हर एजेंसी और पुलिस फोर्स बहुत सरलता के साथ INTERPOL के साथ कनेक्ट कर जांच को गति दे सकेगी।
श्री अमित शाह ने कहा कि वर्ष 2047 में देश आज़ादी की शताब्दी मनाएगा और इस काल को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अमृतकाल कहा है। उन्होंने कहा कि देश की 140 करोड़ जनता ने स्पिरिट के साथ इस अमृतकाल को स्वीकार कर एक सामूहिक संकल्प लिया है कि आज़ादी की शताब्दी तक भारत विश्व में हर क्षेत्र में सर्वप्रथम होगा। उन्होंने कहा कि इस संकल्प को सिद्ध करने के कई पड़ाव हैं,, जिनमें 2027 तक भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना पहला कदम होगा। श्री शाह ने कहा कि 2047 तक भारत को पूर्ण विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प चरितार्थ करने का कालखंड है। उन्होंने कहा कि ये अमृतकाल भारत के लिए एक स्वर्णिम अवसर है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक साइंटिफिक रोडमैप और समयबद्ध कार्यक्रम के तहत रीजनल लीडर से ग्लोबल लीडर बनने की भारत की यात्रा को आकार मिला है और इस रास्ते पर हम आगे भी बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि इस दिशा में आगे बढ़ते और वैश्विक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए हमें अपनी व्यवस्थाओं को अपग्रेड करना होगा और BHARATPOL इसी दिशा में एक कदम है।
श्री अमित शाह ने कहा कि BHARATPOL के 5 प्रमुख मॉड्यूल्स – Connect, INTERPOL Notices, References, Broadcast और Resources – के माध्यम से हमारी सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सहायता का एक तकनीकी मंच मिला है। उन्होंने कहा कि Connect के माध्यम से हमारी सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियां अब एक प्रकार से इंटरपोल की National Central Bureau (NCB-New Delhi) बन जाएंगी। उन्होंने कहा कि इंटरपोल नोटिस के लिए अनुरोधों का त्वरित, सुरक्षित और संरचित प्रसारण भी इससे सुनिश्चित हो जाएगा, जिससे हम भारत के अपराधियों और दुनियाभर के अपराधियों को भारत में तेज़ गति से लोकेट करने की एक वैज्ञानिक व्यवस्था खड़ी कर सकेंगे। श्री शाह ने कहा कि 195 देशों के INTERPOL References के माध्यम से विदेशों में जांच के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहायता लेना और देना बहुत सरल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि 195 देशों से सहायता के लिए अनुरोध, हमारे पास Broadcast के माध्यम से तुरंत उपलब्ध होंगे और Resources के माध्यम से हम दस्तावेज़ों और क्षमता निर्माण को प्राप्त करने और भेजने की व्यवस्था खड़ी कर सकेंगे।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि BHARATPOL पोर्टल को बहुत विस्तृत एक्सरसाइज़ कर बनाया गया है। उन्होंने कहा कि real-time interface इस पोर्टल की विशेषता है जो अपराध नियंत्रण के लिए हमारी एजेंसियों के बीच सीधा और प्रभावी संवाद सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल के माध्यम से वैश्विक नेटवर्क के साथ real-time डेटा शेयरिंग और रेड कॉर्नर नोटिस और अन्य नोटिस को जारी करने के लिए दूसरे देशों के और हमारे अनुरोधों पर हम तेज़ी से काम कर सकेंगे। श्री शाह ने कहा कि कई सालों तक भारत में अपराध कर दुनिया के अन्य देशों में भाग जाने वाले अपराधी हमारे कानूनों की पकड़ से बाहर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि आधुनिक व्यवस्थाओं का उपयोग कर कानून की पहुंच से बाहर रहे अपराधियों को हमारे कानून की गिरफ्त में लाया जाए।
श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन नए आपराधिक कानूनों में Trial In Absentia का प्रावधान जोड़ा गया है, जिसके तहत एक न्यायिक प्रक्रिया सुनिश्चित कर कोर्ट के आदेश के साथ भगोड़े अपराधियों की अनुपस्थिति में उन पर केस चलाना सरल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इन अपराधियों को भारतीय अदालतों से सज़ा मिलने के बाद उन्हें विदेशों से भारत लाना सरल हो जाएगा। श्री शाह ने कहा कि इस नए प्रावधान और BHARATPOL के माध्यम से हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए दुनिया के किसी भी कोने में छिपे अपराधियों को भारतीय न्याय प्रणाली के तहत सज़ा दिलाना बहुत सरल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए CBI को BHARATPOL की शुरूआत के साथ-साथ इसकी ट्रेनिंग को नीचे तक पहुंचाने की भी ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए, इससे हमारी व्यवस्थाएं लॉजिकल एंड तक पहुंचेंगी और पारदर्शिता, दक्षता और प्रभावशीलता को बढ़ाने में हमें फायदा मिलेगा।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि BHARATPOL पोर्टल को बहुत विस्तृत एक्सरसाइज़ कर बनाया गया है। उन्होंने कहा कि real-time interface इस पोर्टल की विशेषता है जो अपराध नियंत्रण के लिए हमारी एजेंसियों के बीच सीधा और प्रभावी संवाद सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल के माध्यम से वैश्विक नेटवर्क के साथ real-time डेटा शेयरिंग और रेड कॉर्नर नोटिस और अन्य नोटिस को जारी करने के लिए दूसरे देशों के और हमारे अनुरोधों पर हम तेज़ी से काम कर सकेंगे। श्री शाह ने कहा कि कई सालों तक भारत में अपराध कर दुनिया के अन्य देशों में भाग जाने वाले अपराधी हमारे कानूनों की पकड़ से बाहर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि आधुनिक व्यवस्थाओं का उपयोग कर कानून की पहुंच से बाहर रहे अपराधियों को हमारे कानून की गिरफ्त में लाया जाए।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि ड्रग्स स्मगलिंग, हथियारों की स्मगलिंग, मानव तस्करी, सीमापार से होने वाले आतंकवाद जैसे अपराधों में ये नई व्यवस्था बहुत सहायता करेगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के अपराधों के बारे में राज्यों की पुलिस फोर्स को, BHARATPOL के नेटवर्क के माध्यम से 195 देशों की पुलिस के साथ जानकारी साझा कर उनका सहयोग प्राप्त करने में बहुत सहायता मिलेगी। श्री शाह ने कहा कि इंटरपोल के सभी notices के बारे में हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों की जागरूकता बढ़ाने और इस व्यवस्था को इंस्टीट्यूश्नलाइज़्ड करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि इससे सबसे बड़ा फायदा अंतर्राष्ट्रीय डेटा के उपयोग के संबंध में होगा, जिसके तहत हमारे युवा अधिकारियों के लिए 19 प्रकार के इंटरपोल के डेटाबेस हमारे पास एनालिसिस, अपराध रोकने की व्यवस्था खड़ी करने और अपराधियों को पकड़ने के लिए भी उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से साइबर अपराध की नई चुनौतियों से भी हम बेहतर ढंग और तेज़ गति से निपट सकेंगे। उन्होंने कहा कि ये पूरी व्यवस्था युगांतरकारी और हमारी जांच को नए आयाम देने में सफल होगी।
भारत में INTERPOL के लिए National Central Bureau (NCB-New Delhi) के रूप में CBI, कानून प्रवर्तन एजेंसियों सहित देशभर की विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर आपराधिक मामलों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में मदद करता है। केंद्र, राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों के स्तर पर यह समन्वय INTERPOL Liaison Officers (ILOs) के माध्यम से किया जाता है, जो अपने-अपने संगठनों में पुलिस अधीक्षकों, पुलिस आयुक्तों और शाखा प्रमुखों के स्तर पर Unit Officers (UOs) से जुड़े होते हैं। वर्तमान में, CBI, ILOs, और UOs के बीच संचार मुख्य रूप से पत्रों, ईमेल और फैक्स पर निर्भर है।